साहित्योत्सवः यकीन मानिये बस यहीं मिलेगी 1796 में छपी किताब
साहित्योत्सव हर साल साहित्य प्रेमियों के लिय खास होता है, इस साल भी बेहद खास है। रवीन्द्र भवन में सोमवार से शुरू तीन दिवसीय साहित्योत्सव का पुस्तकालय सबसे खास है, जहां न केवल दुर्लभ भारतीय साहित्य बल्कि अंतर्राष्ट्रीय साहित्य भी उपलब्ध है जो और कहीं नहीं मिलेगा। यहां विलियम जोंस द्वारा सन 1796 में संस्कृत से अंग्रेजी में किया गया मनु स्मृति का अनुवाद उपलब्ध है। यह सबसे पुरानी किताब है।
मनु स्मृति के अंग्रेजी अनुवाद इंस्टीट्यूट्स ऑफ हिंदू लॉ की एक प्रति भी यहां प्रदर्शित की गई है। साथ ही साल 1947 से पहले की प्रकाशित 300 अन्य दुर्लभ किताबों को भी यहां प्रदर्शित किया गया है। एक हजार अंतर्राष्ट्रीय शास्त्र भी हैं। मैक्समूलर द्वारा सनातन धर्म के वेदों का संस्कृत से अंग्रेजी में अनुवाद भी मिल रहा है। बुद्ध महायान सूत्र की अंग्रेजी प्रति भी उपलब्ध है। धर्म, चिकित्सा, दर्शन, साहित्य, कानून, महाकाव्य और प्राचीन कथाओं का संस्कृत से अंग्रेजी में अनुवाद भी प्रदर्शित किया गया है।
25 से 75 प्रतिशत छूट पर किताबें
साहित्योत्सव का मुख्य आकर्षण हमेशा इसकी पुस्तक प्रदर्शनी और बिक्री है। इस बार भी यहां किताबों पर 25 से 75 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है। साहित्य अकादमी की तीनों पत्रिकाओं का ग्राहक बनने पर और 25 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।दो हजार वापसी
डिपॉजिट में आजीवन सदस्यता
साहित्य अकादमी के पुस्तकालय में 2 लाख से ज्यादा दुर्लभ किताबें हैं, मात्र 2 हजार रुपये का वापसी डिपॉजिट जमा करा के पुस्तकालय की सदस्यता ली जा सकती है। सदस्य हर महीने दो किताबें घर ले जा सकते हैं।
साहित्यकारों को मिला अकादमी पुरस्कार
साहित्य अकादमी ने इस साल 24 भाषाओं के साहित्यकारों को पुरस्कार प्रदान किया। कमानी सभागार में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में जयश्री गोस्वामी महंत, चिन्मय गुहा, फुकन चंद बसुमतारी, मरणोपरांत अम शर्मा जन्द्रयाड़ी, शशि थरूर, रतिलाल बोरीसागर, नंदकिशोर आचार्य, विजया, अब्दुल अहद हाजिनी, निलबा अ. खांडेकर, कुमार मनीष अरविंद, वी. मधुसूदनन नायर, बेरिल थांगा, अनुराधा पाटील, सलोन कार्थक, तरुणकान्ति मिश्र, किरपाल कजाक, रामस्वरूप किसान, पेन्ना मधुसूदन, काली चरण हेम्ब्रम, ईश्वर मूरजाणी, चौ. धर्मन, बंडि नारायण स्वामी और शाफे किदवई को प्रख्यात कवि, कथाकार और फिल्म निर्देशक गुलजार के हाथों साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया।